तीन साल में चलाई जाएंगी 400 नई वंदे भारत ट्रेनें
देश के आम और खास हर किसी की निगाहें कोरोना के साये में पेश हुए केंद्रीय बजट पर हैं। देशवासियों को रेल बजट को लेकर हमेशा खासा इंतजार रहता है क्योंकि निम्न और मध्यम वर्ग का देश की लाइफलाइन कही जाने वाली रेलवे के साथ गहरा रिश्ता है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में अपने भाषण में स्पष्ट कर दिया कि यह बजट ढांचागत सुधारों पर केंद्रित है।
अपने बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने रेलवे के लिए कुछ नई परियोजनाओं की घोषणा की। पहले रेलवे के लिए अलग से बजट पेश होता था लेकिन पांच साल पहले इसे आम बजट में मिला दिया गया था। इस बजट में वित्तमंत्री ने आम यात्रियों से जुड़ी नई रेल सुविधाओं का एलान किया है। वित्तमंत्री ने कहा कि अगले तीन साल में 400 नई वंदे भारत ट्रेनें चलाई जाएंगी। और शहरी ट्रांसपोर्ट को रेलवे मार्ग से कनेक्ट किया जाएगा। इसके साथ ही गतिशक्ति मास्टर प्लान को भी सरकार नया रूप देगी। हालांकि बता दें कि वंदे भारत एक्सप्रेस को ट्रेन-18 के रूप में भी जाना जाता है।
अपने बजट भाषण मे, वित्त मंत्री ने कहा कि एक उत्पाद एक रेलवे स्टेशन को लोकप्रिय बनाया जाएगा।। जिससे देश के विकास की गति को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही सुरक्षा और क्षमता वृद्धि के लिए 2,000 किलोमीटर रेल नेटवर्क को स्वदेशी 'विश्व स्तरीय प्रौद्योगिकी कवच' के तहत लाया जाएगा। रेलवे छोटे किसानों और उद्योगों के लिए कुशल लॉजिस्टिक्स विकसित करेगा जिससे स्थानीय उत्पाद की सप्लाई चेन बढ़ेगी।
बजट में भारतीय रेलवे की गति के लिए 3 सालों में 100 गतिशक्ति कार्गो टर्मिनल का निर्माण होगा और मेट्रो सिस्टम के निर्माण के लिए नवीन तरीकों का कार्यान्वयन किया जाएगा। जिससे माल परिवहन में और गति आएगी। इससे अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर में तेजी से इजाफा होगा। वित्त मंत्री ने बताया कि बीते 7 वर्षों में 24000 किलोमीटर रेलवे रूट का विद्युतीकरण हुआ है।
हालांकि अब तक सरकार ने दो वंदे भारत ट्रेनें शुरू की हैं। एक वर्तमान में दिल्ली और वाराणसी के बीच चलाई जा रही है। तो वहीं दूसरी दिल्ली और कटरा के बीच चल रही है।
पिछले साल, वित्त मंत्री सीतारमण ने भारतीय रेलवे के लिए 1.10 लाख करोड़ रुपये के बड़े फंड की घोषणा की थी।
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